tag:blogger.com,1999:blog-7270674487820443657.post6033182410776201986..comments2012-03-22T07:00:00.469-07:00Comments on narayan: पाँच बातेंManish Ranahttp://www.blogger.com/profile/06536960503868570086noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7270674487820443657.post-48859080299021024922011-04-23T18:04:34.560-07:002011-04-23T18:04:34.560-07:00अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम...अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो। न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, अाकाश से बना है अौर इसी में मिल जायेगा। परन्तु अात्मा स्थिर है - फिर तुम क्या हो? •तुम अपने अापको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है। तुम सबके हो। न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, अाकाश से बना है अौर इसी में मिल जायेगा। परन्तु अात्मा स्थिर है - फिर तुम क्या हो?Manish Ranahttps://www.blogger.com/profile/06536960503868570086noreply@blogger.com