देश की माटी नहीं चंदन से कम ,चंदन से कम
जन्म जितनी बार भी लूँ , लूँ इसी भू पर जनम
सच कहो हर रोज़ इक त्यौहार देखा है कहीं
स्वर्ग का वैभव तो इसके सामने कुछ भी नहीं
हर दिशा उच्चारती सत्यम्-शिवम्-सुन्दरम्
देश की माटी नहीं चंदन से कम, चंदन से कम
पेड़, नदियाँ, पर्वतों तक की जहाँ हो आरती
शांति और सद्भावना की मूर्ति माँ भारती
सृष्टिकर्ता भी जहाँ पर जन्म लेते हैं स्वयम्
देश की माटी नहीं चंदन से कम, चंदन से कम
सप्तरंगी इन्द्रधनुषी सभ्यताओं से बंधे
शब्द हैं सबके अलग पर एक ही लय से बंधे
आइये हम सब मिलकर गाएँ वन्देमातरम्, वन्देमातरम् वन्देमातरम् वन्देमातरम् वन्देमातरम्
देश की माटी नहीं चंदन से कम, चंदन से कम !!
जन्म जितनी बार भी लूँ , लूँ इसी भू पर जनम
सच कहो हर रोज़ इक त्यौहार देखा है कहीं
स्वर्ग का वैभव तो इसके सामने कुछ भी नहीं
हर दिशा उच्चारती सत्यम्-शिवम्-सुन्दरम्
देश की माटी नहीं चंदन से कम, चंदन से कम
पेड़, नदियाँ, पर्वतों तक की जहाँ हो आरती
शांति और सद्भावना की मूर्ति माँ भारती
सृष्टिकर्ता भी जहाँ पर जन्म लेते हैं स्वयम्
देश की माटी नहीं चंदन से कम, चंदन से कम
सप्तरंगी इन्द्रधनुषी सभ्यताओं से बंधे
शब्द हैं सबके अलग पर एक ही लय से बंधे
आइये हम सब मिलकर गाएँ वन्देमातरम्, वन्देमातरम् वन्देमातरम् वन्देमातरम् वन्देमातरम्
देश की माटी नहीं चंदन से कम, चंदन से कम !!
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