मेरे बापू का कहना है करना है तो काम करो नेक इसलिये मन्दिर की घंटी न बजा कर हो सके तो अपने व्यस्त जीवन से कुछ समाये निकल कर ..............
जो बैठा है बूढा अकेला पार्क में, हो सके तो कुछ समय उसके साथ बिताइये ,
मेरे बापू जी का कहना है मंदिर न जाकर,
उस पीड़ित परिवार की मदद कर आइये,जो हस्पताल में पेरशान है !
जो दुखी हो लाचार हो किसी के परिवार में कोई, उस परिवार को सांतवना दे आयिए!
एक चौराहे पर खड़ा युवक काम की तलाश में, उसे रोजगार के अवसर दिलाइये,
मेरे बापू कहते है चाय कि दुकान पर उस अनाथ बच्चे के साथ रहो उसको पढने के लिए स्कूल भिजवा दो
जो कप प्लेट धो रहा है, पाल सकते हो , पढ़ा सकते हो , तो पढाइये,
एक बूढी औरत है जो दर - दर भटक रही है, एक अच्छा सा लिबास दिलाइये,
हो सके तो नारी आश्रम छोड़ आईये,
मेरे बापू कहते मुझे ढूडने मंदिर मस्जिद मत जाओ, न ही मंदिर की घंटी बजाओ! में तो रहता हु सबके दिल में हो सके तो किसी रोते को हसना सिखा दो, भूखे को भोजन, प्यासे को पानी, भटके हुवे को राह दिखा दो ! में खुश हो जाऊंगा मेरे प्यारे बच्चे जब भी पुकारोगे भगा भगा चला आऊंगा
जो बैठा है बूढा अकेला पार्क में, हो सके तो कुछ समय उसके साथ बिताइये ,
मेरे बापू जी का कहना है मंदिर न जाकर,
उस पीड़ित परिवार की मदद कर आइये,जो हस्पताल में पेरशान है !
जो दुखी हो लाचार हो किसी के परिवार में कोई, उस परिवार को सांतवना दे आयिए!
एक चौराहे पर खड़ा युवक काम की तलाश में, उसे रोजगार के अवसर दिलाइये,
मेरे बापू कहते है चाय कि दुकान पर उस अनाथ बच्चे के साथ रहो उसको पढने के लिए स्कूल भिजवा दो
जो कप प्लेट धो रहा है, पाल सकते हो , पढ़ा सकते हो , तो पढाइये,
एक बूढी औरत है जो दर - दर भटक रही है, एक अच्छा सा लिबास दिलाइये,
हो सके तो नारी आश्रम छोड़ आईये,
मेरे बापू कहते मुझे ढूडने मंदिर मस्जिद मत जाओ, न ही मंदिर की घंटी बजाओ! में तो रहता हु सबके दिल में हो सके तो किसी रोते को हसना सिखा दो, भूखे को भोजन, प्यासे को पानी, भटके हुवे को राह दिखा दो ! में खुश हो जाऊंगा मेरे प्यारे बच्चे जब भी पुकारोगे भगा भगा चला आऊंगा
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