जय सांई आसारामजी बापू।।।
हर लो तमस दे दो प्रकाश
सांई राह दिखाना,
सच्ची बात बताना।
छाया अंधकार है बहुत
फैला अनाचार है बहुत,
भटकाव है बहुत
तुम सांई ज्योति जलाना।
ये जग है जीने के लिए
या है मरने के लिये,
या आँसू पीने के लिये,
आंसू अमृत बनवाना
जब तू है मालिक हम सबका
तो मानव-मन है क्यों भटका,
सांसारिक जाल में क्यूँ अटका
अवतार रूप मे आना।
सांई राह दिखाना।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांईआसारामजी बापू
हर लो तमस दे दो प्रकाश
सांई राह दिखाना,
सच्ची बात बताना।
छाया अंधकार है बहुत
फैला अनाचार है बहुत,
भटकाव है बहुत
तुम सांई ज्योति जलाना।
ये जग है जीने के लिए
या है मरने के लिये,
या आँसू पीने के लिये,
आंसू अमृत बनवाना
जब तू है मालिक हम सबका
तो मानव-मन है क्यों भटका,
सांसारिक जाल में क्यूँ अटका
अवतार रूप मे आना।
सांई राह दिखाना।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांईआसारामजी बापू
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