Sunday, April 24, 2011

सतगुरुजी रे मेरे सतगुरुजी

सतगुरुजी रे मेरे सतगुरुजी

तुम सहारे सबके हो मेरे ......

१ तुमसे ही पाई मैने खुसिया घनेरी

बिन तेरे क्याथी दाता ओकात मेरी

कैसे मै गाऊ गुरुवर महिमा तुम्हारी

तारणहारे सबके हो मेरे - - - - - - - -

२ चलती है सासे ये है

रहमत तुम्हारी

तुम्ही हो गुरुवर सच्ची

दोलत हमारी

तुम पे वारु अपनी

जिंदगी ये सारी

तारणहारे सबके हो मेरे - - - - - - -

३ नीचदीन तुम्हारा मै तो

दीदार पाऊ

तुमको ही सिमरु और मै

तुमको ही ध्याऊ

जिव्हा से अपनी तेरे

गुणगान ग़ाऊ

तारणहारे सबके हो मेरे - - - - - - -

४ जो भी सच्चे मन से गुरुवर

के दारा आता

पाता है सारी मुरादै खली न जाता

गुरु जैसा न है जग में

कोई भी दाता

तारणहारे सबके हो मेरे - - - - - - -

५ मिथ्या है जग ये सारा

तुमही हो सहारा

डगमग है नैया डोले

तुमही हो किनारा

तुम बिन नहीं है बापू

कोई भी हमारा

तारणहारे सबके हो मेरे - - - - - - -

६ तुमने ही गुरुवर सबकी

भ्राती मिटाई

ज्ञान की ज्योति सबके

दिल में जगाई

तुमसे न हो अब गुरुवर

कभी भी जुदाई

तारणहारे सबके हो मेरे - - - - - - -

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