Sunday, July 3, 2011

कौरवों के नाजायज

!! जय श्री कृष्ण !!
बचे-खुचे कौरवों के नाजायज औलाद हैं, ये सब, और उनके खून में भी गोरों का खून मिश्रित हो गया है ! वरना ऐसा कभी न कहते ! अपने कौम के लिए एक मुसलमान धर्म के नाम पर पाकिस्तान से हिंदुस्तान आकर एक हिन्दू धर्म प्रचारक को मरने कि क्षमता रखता है ! एक ईसाई अपने धर्म के विस्तार के लिए अपना सर्वस्व लुटा कर एक हिन्दू को खरीद लेने कि क्षमता रखता है ! लेकिन आज का हिन्दू कहा जाने वाला एक नवयुवक पैसों के लिए अपने धर्म को बेच देने को तैयार है ! एक ब्राह्मण वेद मन्त्रों के माध्यम से अनुष्ठान करवा कर किसी के जीवन में परिवर्तन करवा दे तो ये पाखंड है ! और एक मदर टेरेशा, किसी स्त्री का स्पर्श करे और संयोग से उसके गर्भाशय का कैंसर ठीक हो जाय तो ये महान चमत्कार है ! और उनके कौम उनके देशवासियों कि क्या, भारत सरकार भी उसको संताधिराज या (महामनीषी) कि उपाधि से समलंकृत करती है ! ये केवल भारत सरकार ही कर सकती है ! क्योंकि यहाँ हिन्दू का मतलब जानवर समझा जाता है, यहाँ हिन्दू का मतलब गुलाम समझा जाता है ! लेकिन इनको क्या मालूम कि, जो हिन्दू ----- अतिथि देवो भव:! कह कर सम्मान करना जानते हैं, वही हिन्दू पूरी दुनियां पर अकेले ही भारी पड़ते हैं ! सच्चाई और इमानदारी का पाठ पढ़ने-पढ़ाने वाले हिन्दुओं का जगद गुरु (कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम) दुनियां का नंबर वन छलिया है ! हम जब अपने पर उतर जाएँ तो, मिनटों में पूरी दुनियां को मुट्ठी में करना जानते हैं ! लेकिन पहले तो हमें इन मीर जाफर के बंसजों से, जो नेता बनकर, हमारे ही वोटों से हमीं पर हुकूमत कर रहे हैं ! तथा हमारे ही धन पर राज करते हुए हमीं को आँख दिखा रहे हैं ! जहाँ कोई कट्टर हिन्दू इनके सामने खड़ा होता है, तो जैसे इनकी माँ मर जाती है ! किसी को बर्दास्त ही नहीं कर सकते ! इनको मिटाना है ! कांची कामकोटी शंकराचार्य जी को बदनाम किया,क्योंकि वो गरीब हिन्दू जो क्रिश्चन बन गये थे, उनको हिन्दू बनने का काम कर रहे थे ! आशाराम जी को बदनाम किया और अभी-भी करने का प्रयत्न कर रहे हैं, क्योंकि वो हिंदुत्व का प्रचार करते हैं ! मंदिरों को मिटने का प्रयत्न किया जा रहा है, क्योंकि यहीं से धर्म शुरू होता है ! मंदिरों के धन को लुटा जा रहा है, क्योंकि ये भारत कि अचल संपत्ति है ! जिस दिन भारत के राजाओं का धन कम पड़ जाता है, प्रजापालन के लिए उस मंदिरों से भारत के प्रजा का पालन किया जाता है ! लेकिन इस स्विस बैंक में रखे नेताओं का धन तो चाहे भारत कि प्रजा भूख से तड़प कर मर भी जाय तो नहीं आएगी ! तो आप बताईये कि मंदिरों में रखा धन हमारे लिए उपयोगी है, अथवा इन नेताओं द्वारा विदेशी बैंकों में रखा धन ? और एक बात, इन क्रिश्चानों (ईसाईयों) का दावा है कि इन्होंने १०००.वर्ष के अन्दर पुरे यूरोप, फ़्रांस और जर्मनी को ईसाई बना दिया ! अब हिन्दू और मुसलमान बाकि है ! तो पहले हिन्दुओं को ईसाई बनाने के लिए मुसलमानों का उपयोग करें ! और फिर मुसलमानों को तो यूँ ही गर्दन दबा के ईसाई बना देंगे ! और इसके लिए चर्च जो यहाँ बन रहे हैं, वो हमारी तरह धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि ईसाई मिशनरी का आफिस है ! और इसी के अधीन भारत सरकार काम कर रही है, अगर ऐसा नहीं होता तो शंकराचार्य के जमानत कि अर्जी नामंजूर नहीं होती ! नामंजूर इसलिए हुई, क्योंकि उनसे ईसाई मिशनरी का सीधा टक्कर हो गया ! अब इस ईसाईयों के पतन को रोकना था ! क्योंकि ईसाई बने हिन्दुओं को वो सब कुछ शंकराचार्य द्वारा चलाये जा रहे अभियान के माध्यम से फ्री में मिल रहा था, जो ईसाईयों द्वारा दिया जाता था ! अब ईसाई मिशनरी के सामने चुनौती बनकर खड़े इन शंकराचार्य के दूतों को कैसे हटाया जाय ! तो निष्कर्ष निकला कि इनको इतना बदनाम कर दो कि आनेवाला डोनेशन न मिले, जिससे इनका मिशन चलता है ! आपको मालूम है, देश और विदेशों से आनेवाले दान कितने होते हैं, शंकराचार्य जी के पास हर वर्ष ५ हजार करोड़ डालर ! जिससे यह मिशन चलता था ! इन ईसाईयों ने सोंचा कि इनके दान को ही नहीं बल्कि इनको ही मिटा दो ! तो सोनिया को चर्चों द्वारा धमकी भरा सन्देश दिया गया, और लग गयी इस नेक काम में ईसाईयों कि एजेंट, हमारे देश का भविष्य बनाने वाली, यहाँ के मर्दों को अपने इशारों पर नचाने वाली, राजमाता कहलाने का ख्वाब देखने वाली ! इंगलैंड कि महारानी कि तरह भारत कि महारानी बनाने का सपना सजाने वाली, एक विदेशी विधवा ! जो विधवा शब्द को नहीं जानती, वो देश को चलने चली ! और बिच में ही ईसाई मिशनरी के इशारे पर नाचते हुए ! शंकराचार्य जी के जमानत को जप्त करवा दिया ! शिबू शोरेन जो हजारो मुशलमानों को जिन्दा जला कर जीवित है, घूम रहा है ! इसकी सरकार उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती, क्योंकि उसके एक इशारे पर इस सरकार कि नीव हिल जाएगी ! लेकिन हिन्दू उसके गुलाम हैं, जैसे चाहे घुमा सकती है ! प्रमाण --- सोनिया को चर्च ने घुमाया, इसने मायावती को घुमाया, मायावती ने सुप्रीम कोर्ट को घुमाया ! और हो गयी शंकराचार्य जी कि जमानत जप्त, और सारे हिन्दू देखते ही रह गये ! कुछ भी उखाड़ नहीं पाए ऐसे मुद्दे ऐसे अपराध दिखा दिए गए कि सबकी बोलती बंद हो गयी ! लेकिन किसी ने यह नहीं सोंचा, कि इतने ऊँचे आसन पर बैठने वाला कोई साधारण पुरुष नहीं है, बल्कि भारत में उसे दैवी शक्ति से सम्पन्न माना जाता है ! भगवान का प्रतिनिधि माना जाता है,उन भगवान के प्रतिनिधि का अपमान अर्थात भगवान के अपमान जैसा अपमान सहन कर गये, क्यों ? क्योंकि इन ईसाईयों ने कहा, इन ईसाईयों कि प्रतिनिधियों और चर्च के प्रतिनिधियों के तलवे चाटने वाले इन नेताओं के इशारे से केवल अन्याय करने वाले इस कोर्ट के फैसले को सहजता से स्वीकार कर लिया किसी ने कोई विरोध नहीं किया ! इन ईसाईयों का इतिहास हमारे देश में रहा है, कि जिन राजाओं ने इनको आश्रय दिया, इन्होंने उन्हीं को लुटा ! झूठ इनके रग-रग में समाया है, सोते हुए स्वप्न में भी जो झूठ ही बड़बड़ाते हैं, और इन्हीं के इशारे पर चलने वाला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कहाँ तक सच बोल सकता है ! और समस्त हिन्दू चुप-चाप इस असह्नीय अपराध को अपमान को बर्दास्त कर गये किसी ने एक शब्द भी बोलने का साहस नहीं किया ! लेकिन अब और नहीं ! अरे जब यह कांग्रेश पार्टी इतना लुट रही है, मान लो सब लुटेरे ही हैं, तो हमें क्या फर्क पड़ता है, कोई भी पार्टी आये ! और जब कोई भी पार्टी तो भा.ज.पा. क्यों नहीं ! पूर्ण बहुमत से भा.ज.पा. को लाओ ! ऐसा नारा लगाना है ! और ऐसाही हो इसके लिए अपना जी-जान लगा देना है ! जब कोई भी लूटे तो भारतवासी क्यों नहीं ! हिंदुत्व वादी पार्टी क्यों नहीं ! भा.ज.पा. क्यों नहीं ! भा.ज.पा. को लाओ ! कांग्रेश को मिटाओ ! हिन्दुओं को और देश को बचाओ ! हिन्दू धर्म को बचाओ ! वरना ईसाई बनने के लिए तैयार हो जाओ ! फैसला आपके हाथ !!
!! जय श्री कृष्ण !!

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