Wednesday, July 27, 2011

विचार किया

क्या आपने कभी विचार किया है कि राह चलते कोई वाहन टक्कर देकर किसी गाय को घायल कर देता है तो उस गाय का क्या होगा ? अतीत में जो गाय हमारे घर की सर्वे-सर्वा थी आज वह तड़प-तड़प् कर मरने को लाचार है। आये दिन देखते हैं कि गोवंश जगह-जगह दुर्घटनाग्रस्त कर दिया जाता है। लोग एकत्रित होते हैं और तमाशा देखते हैं लेकिन पूरे देश में 10-20 स्थानों को छोड़कर कोई ऐसी व्यवस्था नही है जहाँ ऐसे गोवंश का इलाज किया जा सके एवं जब तक चलने फिरने योग्य न हो तब तक उसकी सेवा की जा सके। हमें महीने में तीन-चार बार ऐसी दुर्घटनाओं से रूबरू होना पड़ता है। आज ही शाम को पाँच बजे एक रोडवेज की बस ने गाय को टक्कर देकर बुरी तरह जख्मी कर दिया। जालोर में उसकी सेवा हेतु कोई व्यवस्था नहीं होने से गाड़ी में डालकर 150 किमी दूर श्री गोधाम पथमेड़ा भेजना पड़ता है। घायल अवस्था में 5 घण्टें का दर्द और पीड़ा भरा सफर, कैसे सहन कर पाती है गोमाता वो ही जाने। सांय 7 बजे जालोर से रवाना की गई गाड़ी अब पहुँचने वाली है श्री गोधाम पथमेड़ा।पूरे देश में गोसेवा के क्षेत्र में ऐसे करीब 15000 केन्द्रों की अंवश्यकता है।
फेस बुक के माध्यम से देश के धर्मातमाओं तक यह अपील पहुँचाना चाहता हूँ कि वे ऐसे केन्द्रों की स्थापना का पुण्य कार्य करे। देश के साधु समाज से अपील करता हूँ कि वे ऐसे केन्द्रों को चलाने में आगे आयें।

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