Wednesday, July 6, 2011

जिसके सर ऊपर तू बापू..वो दुख कैसा पावे,
मेरा दाता है तू, मेरा स्वामी है तू
मेरा साहारा है तू, मेरा किनारा है तू
मेरे सुख में है तू, मेरे दुःख में है तू
मेरी आँखों में तू, मेरी नीदों में तू
मेरे दिल में है तू, मेरी धरकन भी तू
मेरे ख्यालो में तू, मेरी सासों में तू
जिसके सर ऊपर तू बापू..वो दुख कैसा पावे......

No comments:

Post a Comment