Wednesday, July 20, 2011

साधक

संतों का यह अनुभव है कि किसी भी मार्ग पर चलने वाला साधक हो, यदि वह गो सेवा में लग जाता है तो उसको साध्य की प्राप्ति अति सहज हो जाती है। कारण यह है कि इस समय गोवंश पर आये संकट के कारण भगवान और संतों ने आपना आशीर्वाद गोसेवा रूपी साधन के साथ जोड़ दिया है। और वैसे भी ‘गो’ कल्याण को देने वाली है। इस प्रकार गोसेवा रूपी साधन में दोहरी कृपा बरस रही है, बस अपना कटोरा सीधा रखने की बात है।

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