Sunday, June 19, 2011

सगरे जगत में दूजा नहीं,

ॐ सांई आसारामजी बापू
सगरे जगत में दूजा नहीं,
मेरा इक तू साईं
रहना मुझको, संग संग तेरे,
बनके तेरी परछाई
लेके उमीदें तेरे दर पे
आते है सारे सवाली
मांगे मुरादें लेके जाएं
भर भर दामन खाली
मेरे मालिक मेरे दाता
भाग बना दे भाग्य विधाता
अब दुख सहा न जाता
सगरे जगत में दूजा नहीं,
मेरा इक तू साईं
रहना मुझको, संग संग तेरे,
बनके तेरी परछाई
तेरे चरणों की धुल उठाके,
माथे पर मैं लगाऊं
तेरी मिट्टी में जन्म लिया है,
तुझ में हे मिल जाऊं
चाहे बना दे चाहे मिटा दे,
जो चाहे वोह मुझको सज़ा दे
जीवन पार लगादे.
सगरे जगत में दूजा नहीं,
मेरा इक तू साईं
रहना मुझको, संग संग तेरे,
बनके तेरी परछाई

2 comments:

  1. If you make me the sole object of your thoughts and aims, you will gain the supreme goal.

    Trust in the Guru fully. That is the only sadhana.

    I am the slave of my devotee.
    ===== BAPU JEE=====

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  2. Bhakto ko raah dikhate hai SAI,Bigde kaam banate hai SAI,Mann se bulao to haqikat me darshan de jate hai SAI.JAI SHREE SAI ASARAM JEE BAPU .

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