Tuesday, June 21, 2011

इश्क़

कहते है लोग, ये इश्क़ आग का दरिया होता है!
कैसे कहें हम, कि इश्क़ ही बापू  के दिल तक पहुँचने का ज़रिया होता है!
कहते है लोग, ये इश्क़ एक आँधी लाती है!
हमे तो इश्क़ से, मोटेरा के बाग की गीली गीली मिट्टी
की खुशबू सौन्धि सौन्धि आती है!
कहते है लोग, ये इश्क़ समंदर से भी गहरा होता है!
कैसे बताए, कि इश्क़ में, हर पल एक नया सवेरा होता है!
कहते है लोग कि इश्क़ में, कदम कदम पर संभालना होता है!
कैसे बताए, कि इश्क़ में, बापू  के साथ मिलकर एक राह पर चलना होता है!
कहते है लोग, कि इश्क़ में, माँगनी होती एक मन्नत है!
कैसे समझाऊ, कि बापू  से इश्क़ करना,
बन गई है मेरे लिए एक जन्नत
कहते है लोग, ये इश्क़ किसी और की अमानत होती है!
कैसे कहे सबसे, कि मेरे लिये ये इश्क़,
बापू  की दी हुई एक नेमत है!

No comments:

Post a Comment