Thursday, June 30, 2011

बापू जी अपने पवित्र चरणकमल

बापू  जी अपने पवित्र चरणकमल ही हमारी एकमात्र शरण रहने दो....
मेरे साथ साया है बापू  का, बस ये तसल्ली की बात है |
मैं तेरी नज़र से न गिर सका, मुझे हर नज़र ने गिरा लिया ||
तेरी रहमते बेहिसाब हैं, करूँ किस जुबान से शुक्रिया |
मुझसे जब भी कोई खता हुई, तुने फिर गले से लगा लिया ||
तेरी शान तेरे जलाल को, मैंने जब से दिल मैं बिठा लिया |
मैंने सब चिराग बुझा दिये, मैंने इक चिराग जला लिया ||...
बापू  जी अपने पवित्र चरणकमल ही हमारी एकमात्र शरण रहने दो...

2 comments:

  1. मन की अभिलाष यही वाणी तेरी सुने
    आँखों की प्यास यही दर्शन तेरा मिले
    सांसो में तेरे नाम का गुंजन रहे
    यही अर्ज सूबह शाम साईआसाराम साईआसाराम
    जप ले मन एक नाम साईआसाराम साईआसाराम

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  2. तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूं ,जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूं,
    तुम सबके राज़दां हो हर दिल की जानते हो, फ़िर भी ये हाले दिल मैं तुमको सुना रहा हूं..
    मुझसे सहा न जाये अब ग़म ये ज़िन्दगी का, नन्हीं सी जाँ पे कैसे-कैसे सदमे उठा रहा हूं..
    जब तक रहूं मैं ज़िन्दा इज़्ज़त की भीख़ देना, ये आस लेके साँई तेरे दर पे आ रहा....

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